राजधानी के मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा चलाने की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन व क्रमिक अनशन कर रहे संचालकों ने रविवार को आंदोलन समाप्त कर दिया है।
शनिवार को डीआईजी अरुण मोहन जोशी के साथ हुई वार्ता में इस बात पर सहमति बनने के बाद कि मुख्य मार्गों पर संचालन को लेकर एसपी यातायात की अध्यक्षता में गठित कमेटी तमाम पहलुओं का अध्ययन करेंगी, उसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
ई-रिक्शा एसोसिएशन के बैनर तले ई-रिक्शा संचालक 27 दिन से परेड मैदान में धरना प्रदर्शन व क्रमिक अनशन कर रहे थे। आंदोलन के दौरान ई-रिक्शा संचालकोें ने एक ई-रिक्शा में आग भी लगा दी थी। ऐसा करने पर डीआईजी के आदेश पर कई संचालकों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था। इसके बाद एक संचालक ने आत्मदाह की भी कोशिश की थी।
आखिरकार ई-रिक्शा संचालकों के आंदोलन को देखते हुए डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया। शनिवार को वार्ता के दौरान ई-रिक्शा संचालकों ने अपनी परेशानियां बताते हुए बताया कि आंदोलन के चलते वे भुखमरी के कगार पर हैं। बैंक लोन की किस्त नही दे पा रहे हैं।
ई-रिक्शा संचालकाें की बातों को सुनने के बाद डीआईजी ने कहा कि एसपी यातायात की अध्यक्षता में गठित समिति इस बात का अध्ययन करेगी कि ई-रिक्शा को मुख्य मार्गों पर संचालित करने से यातायात पर कितना असर पड़ता है। इसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बैठक में डीआईजी जोशी ने ई-रिक्शा संचालकों को स्पष्ट कहा कि ई-रिक्शा का संचालन उसके मालिक द्वारा ही किया जाएगा। नहीं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद रविवार को ई-रिक्शा संचालकों ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की।